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एक एयर कंडीशनर के ठीक से ठंडा नहीं करने वाले संभावित कारण
हम सब जब कोई वस्तु खरीदते हैं तब उसके साथ एक उपयोगिता जोड़ देते हैं| एक एयर कंडीशनर से हमे यह बुनियादी उम्मीद रहती हैं की वह उत्तम शीतलता प्रदान करेगा| चाहे वह तेज गति से चले या धीमी, लेकिन यह सहज स्तर तक तापमान को नीचे रख़ पाने में जरूर सक्षम होना चाहिए| जब यह ऐसा नहीं करता हैं, तब हमे उत्पाद में कोई उपयोगिता नहीं दिखती और हमारा मन भी इसे बदलने को चाहता हैं| कई तरह के सवाल भी मन में उठते हैं जैसे की “ऐसे क्यों हैं की मेरा एसी कुछ महीने पहले तक अच्छी तरह से ठंडा कर रहा था, क्यों अब यह अच्छी तरह से ठंडा नहीं कर रहा है?”, या “मैंने एक नया एसी खरीदा है, लेकिन क्यों यह अच्छी तरह से ठंडा नहीं कर रहा है?” और “यह एसी कुछ साल पहले वास्तव में अच्छी तरह से काम करते थे, लेकिन अब अप्रभावी है”| इनके कई कारण हो सकते हैं, जिनमे से कुछ तकनीकी दोष भी हो सकते हैं| लेकिन यहाँ हम कुछ कारणों की व्याख्या करने की कोशिश करेंगे, जिसमे एसी ही में गलती न हो|
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एयर कंडीशनर आउटडोर इकाई पर सीधे धूप का प्रभाव
तीव्र गर्मियों के दौरान भारत के उत्तरी भाग में रहने वाले लोगों की आम शिकायतों में से एक एसी का प्रभावी ढंग से ठंडा नहीं करना होता है या कंप्रेसर का ठीक से काम नहीं कर पाना होता है| जब हम एसी को स्थापित करते हैं, तब अनजाने हमको यह एहसास नहीं होता की स्प्लिट एसी के मामले में बाहरी यूनिट या विंडो एसी के मामले में बाहरी हिस्सा को सीधे धूप का सामना करना पड़ रहा होता है| लगभग सारे एसी इष्टतम ऑपरेटिंग तापमान (परिवेश या आसपास के तापमान) पर सबसे अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं| अगर तापमान इष्टतम तापमान से बढ़ता है, तो एयर कंडीशनर की दक्षता कम हो जाती हैं और यह उस अवस्था में भी पहुंच सकता हैं, जहाँ कंप्रेसर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है| कम क्षमता पर, यह बीईई लेबल पर उल्लेखित बिजली मानको से अधिक बिजली का उपभोग कर सकते हैं| आमतौर पर बीईई लेबल पर संख्या परीक्षण की स्थिति में होती हैं|
क्यों ऐसा होता है?: एसी का मुख्य काम कमरे के अंदर से गर्मी लेते हुएं, उसे बाहर निकलने का होता हैं| लेकिन अगर बाहर गर्मी काफी अधिक है, तब यह अपना काम ठीक से नहीं कर पायेगा| लगभग सारे एसी इष्टतम ऑपरेटिंग तापमान पर सबसे अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं और उससे अलग, वह ठीक से काम नहीं कर पाते हैं|
इष्टतम तापमान कितना होता है? ज्यादातर एसी के लिए अधिकतम तापमान 43-48 डिग्री होता है| इसके ऊपर वह कम प्रभावी हो सकते हैं या काम करना भी बंद कर सकते हैं| इन दिनों कुछ ऐसे ब्रांड 52 या 54 डिग्री तक तापमान संभाल सकते हैं|
समाधान: सबसे अच्छी बात आप यह कर सकते हैं कि हम एसी को इस प्रकार स्थापित करने से बचे जिससे वह सीधे धूप का सामना करें या ऐसी जगह वह स्थापित न हो जो अत्याधिक गर्म हो| और यह भी जरूरी नहीं की शहर में ही तापमान उच्च होते हैं, यह कहीं भी हो सकता है जहाँ ओडीयू बंद गर्म जगह में होता है| हम हर उस स्थान पर एसी का उपयोग कर सकते हैं, जहाँ पर अधिकतम तापमान ४६ डिग्री के आस-पास हो| ओडीयू को सिर्फ थोड़ी जगह चाहिए जहाँ का आस-पास का तापमान कम हो| यह एसी के आस-पास पौधों को रखकर या कभी कभी उस पर कुछ पानी डालकर (हालांकि यह कुछ बोझिल कार्य हो सकता है) या फिर किसी भी अन्य रचनात्मक विचार द्वारा प्राप्त किया जा सकता है|
कमरे के लिए कम आकर के एयर कंडीशनर
एसी खरीदते समय लोगों द्वारा आम गलतियों में से एक है कि वे एसी की खरीद का निर्णय कमरे की आवश्यकता के आधार पर कम बल्कि सिर्फ उनके बजट पर ज्यादा आधारित करते हैं| एक विशाल कक्ष में एक छोटा सा एसी हमेशा तीव्र गर्मियों में कमरे को शीतल रख पाने में अक्षम साबित होगा| एसी का आकर निर्धारण करने में नियमित नियम हमेशा काम नहीं आतें और एक एयर कंडीशनर का सही आकर निर्धारण करने के लिए हमे कई मापदंडों का ध्यान रखना पड़ता हैं| कुछ शहरों का तापमान गर्मी के मौसम में काफी अधिक होता हैं, इसका मतलब उनको एक ही आकार के कमरे के लिए अधिक शीतलता की आवश्यकता होती हैं, बनिस्पत उन शहरों की तुलना में जहाँ तापमान कम रहता हैं| कुछ शहरों में आर्द्रता अधिक और गर्मी कम पड़ती हैं, तो यहाँ शीतलता की आवश्यकता भी कम होती हैं, लेकिन यहाँ सबसे अधिक महत्वपूर्ण है – नमी को हटाना| नियमित नियम यह कहता हैं की 100 वर्ग फुट आकर वाले कमरे के लिए १ टन वाले एसी की आवश्यकता पड़ती हैं| हालांकि, यह नियम हमेशा काम नहीं आता हैं और एक एयर कंडीशनर का सही आकर निर्धारण करने के लिए हमे कई अन्य मापदंडों का भी जरूर ध्यान रखना चाहिए ताकि हमे भविष्य में खरीद के बाद कोई पछतावा न हो|
उम्र/समय के साथ एसी की रेटिंग घटती हैं (डी– रेटिंग)
जी हाँ, उम्र बढ़ने का प्रभाव न केवल मनुष्यो पर बल्कि उपकरणों पर भी पड़ता हैं| सभी उपकरणों की क्षमता समय के साथ गिरती हैं| एक एयर कंडीशनर की शीतलन क्षमता समय के साथ कम कम हो जाती है, या यो कहें समय के साथ एसी उतनी ही ठंडक पहुचाने के लिए अधिक बिजली लेने लगता है| (अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग और एयर कंडीशनिंग इंजीनीयर्स) के अनुसार, एक एयर कंडीशनर प्रथम वर्ष में 7% अपनी क्षमता को कम कर देता है, दूसरे वर्ष में 5%, और तदुपरांत हर साल 2% कम करता हैं| यहाँ तक की यह घटौती कहीं-कहीं 20-30% के बीच होती हैं, यह बात पर निर्भर होता हैं की एयर कंडीशनर कितनी अच्छी तरह से बना हैं| अगर एसी 20 वर्ष या उससे अधिक पुराना है, तो यह घटौती 40 % तक नीचे जा सकती हैं (स्रोत: “A Survey of Refrigerant Heat Transfer and Pressure Drop Emphasizing Oil Effects and In-Tube Augmentation;” ASHRAE Winter Symposium of 1987; Schlager, Pate, and Bergles)|
इसका मतलब यह है कि पुराना एसी का मतलब कम दक्षता होता हैं| तो इसका मतलब यह नहीं है कि बीईई (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो) की एनर्जी रेटिंग्स में सुधार की वजह से आपके एसी की रेटिंग घट गई हैं| यहाँ डी-रेटिंग कारक, जो बीईई लेबल पर उल्लेखित होता हैं, एक प्रमुख भूमिका अदा करता हैं| कुछ निर्माता डी-रेटिंग को कम करने में जरूर सफल रहे है, लेकिन कोई भी निर्माता इसे पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम नहीं हो पाया है|
निष्कर्ष
हमेशा तकनीकी गलती की वजह से ही एसी अप्रभावी या कम ठंडा नहीं करता हैं, हमे यह भी सुनिश्चित करना चाहिए की एसी का आकार भी ठीक से तय हो| इसके अलावा एसी का (ओडीयू /बाहरी हिस्सा) बहुत गर्म वातावरण में नहीं रखा जाना चाहिए| इन कारणों का ध्यान रख कर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं एसी की क्षमता कम न हो और वह उचित ठंडक प्रदान करें|
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